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सरकारी कर्मचारी के वेतन या पेंशन में देरी के मामले में राज्य सरकार को ब्याज देना चाहिए - सुप्रीम कोर्ट

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28 फरवरी 2021

न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि सरकार को सरकारी कर्मचारियों की पेंशन या वेतन में देरी पर ब्याज देना चाहिए, क्योंकि पेंशन या वेतन सरकारी कर्मचारियों का 'वाजिब हक' है।

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक पूर्व जिला न्यायाधीश द्वारा दायर जनहित याचिका को अनुमति दी और अप्रैल 2020 के लिए स्थगित वेतन और पेंशन राशि का भुगतान 12% प्रति वर्ष ब्याज के साथ करने का निर्देश दिया।

इस निर्णय से व्यथित होकर राज्य ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की और तर्क दिया कि वेतन और पेंशन के भुगतान में देरी महामारी - कोविड 19 के कारण हुई है। राज्य ने यह भी कहा कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में देरी करने के पीछे कोई दुर्भावना नहीं थी। इसलिए, उस पर ब्याज का भुगतान करने का कोई दायित्व नहीं था।

मामले का निपटारा करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को 30 दिनों के भीतर स्थगित वेतन और पेंशन पर 12% प्रति वर्ष की दर से ब्याज के स्थान पर 6% प्रति वर्ष की दर से ब्याज देने का निर्देश दिया।


लेखक: पपीहा घोषाल