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ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 15 अप्रैल को सुनवाई करेगा
उच्चतम न्यायालय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर 15 अप्रैल को सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी है।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ करेगी। दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिका खारिज किए जाने के बाद केजरीवाल ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था।
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा ने केजरीवाल की याचिका खारिज करते हुए कथित घोटाले में उनकी संलिप्तता के संकेत देने वाले साक्ष्यों का हवाला दिया। उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि प्राप्त रिश्वत का कथित तौर पर 2022 के गोवा विधानसभा चुनावों में राजनीतिक प्रचार के लिए इस्तेमाल किया गया था।
ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक मामले से शुरू हुई है, जो 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। यह मामला उपराज्यपाल वीके सक्सेना की शिकायत के आधार पर शुरू किया गया था।
कथित आपराधिक साजिश में नीति निर्माण के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित आप नेता और अज्ञात निजी संस्थाएं शामिल थीं।
इस मामले के सिलसिले में सिसोदिया और सांसद संजय सिंह सहित कई आप नेताओं को ईडी ने गिरफ्तार किया है।
21 मार्च को गिरफ्तार किए गए केजरीवाल को पहले 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में रखा गया था, जिसे बाद में एक अप्रैल तक बढ़ा दिया गया था। इसके बाद उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में रखा गया था।
उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में केजरीवाल ने तर्क दिया कि केंद्र सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनावों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में प्रभावित करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) का दुरुपयोग किया है, जो वित्त मंत्रालय के माध्यम से ईडी को नियंत्रित करती है।
फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद केजरीवाल ईडी की कार्रवाई को चुनौती देने वाली अपनी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
लेखक: अनुष्का तरानिया
समाचार लेखक, एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी