
26 मार्च 2021
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद को विधि निर्माताओं की विशेष अदालत ने बरी कर दिया है। चिन्मयानंद पर एक छात्रा को बंधक बनाकर कथित तौर पर उसके साथ बलात्कार करने का आरोप था।
यह मामला पीड़िता के पिता ने शाहजहांपुर के कोतवाली थाने में दर्ज कराया था। पिता ने बताया कि उनकी बेटी छात्रावास में रह रही थी और चिन्मयानंद के आश्रम द्वारा संचालित कॉलेज से एलएलएम कर रही थी। उन्होंने आगे बताया कि 23 अगस्त को उसका फोन बंद हो गया था, जब उसके फेसबुक अकाउंट को खंगाला तो पता चला कि उसे चिन्मयानंद और उसके साथियों ने शारीरिक उत्पीड़न और बलात्कार की धमकी दी है। चिन्मयानंद को 20 सितंबर 2019 को गिरफ्तार किया गया और उन पर आईपीसी की धारा 376 (ए) के तहत आरोप लगाए गए। बाद में एडवोकेट ओम ने लड़की और उसके दोस्तों के खिलाफ चिन्मयानंद से 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का मामला दर्ज कराया।
न्यायाधीश पीके राय ने चिन्मयानंद और उसके साथी को इस आधार पर बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष मामले को संदेह से परे साबित करने में विफल रहा। पीड़िता भी मुकदमे के दौरान अपने बयान से पलट गई, अदालत ने सबूतों के अभाव में कानून की छात्रा और उसके दोस्तों को भी जबरन वसूली के आरोपों से बरी कर दिया।
लेखक: पपीहा घोषाल