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बॉम्बे हाईकोर्ट (गोवा बेंच) ने तरुण तेजपाल को गोवा सरकार की अपील पर नोटिस जारी किया जिसमें उनकी बरी किए जाने को चुनौती दी गई है

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बॉम्बे उच्च न्यायालय की गोवा पीठ ने यौन उत्पीड़न मामले में पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल को बरी किए जाने को चुनौती देने वाली अपील के संबंध में उन्हें नोटिस जारी किया।

गोवा सरकार की ओर से पेश हुए एसजी तुषार मेहता ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति फैसले में संवेदनशीलता की कमी है। उन्होंने यह भी कहा कि यौन उत्पीड़न के बाद पीड़िता को किस तरह व्यवहार करना चाहिए, इस तरह की असंवेदनशील व्याख्याओं ने एक गलत मिसाल कायम की है। इसके अलावा, जिरह के दौरान, जब बचाव पक्ष ने पीड़िता को शर्मिंदा करने वाले असंवेदनशील सवाल पूछे, तो अदालत मूकदर्शक बनी रही।

न्यायमूर्ति एस.सी. गुप्ता ने कहा कि प्रथम दृष्टया मामला अपील पर सुनवाई की अनुमति देने के लिए बनता है। माननीय न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट से यौन उत्पीड़न मामले का रिकॉर्ड भी मांगा। न्यायमूर्ति एस.सी. गुप्ता ने ट्रायल कोर्ट को आदेश दिया कि वह फैसले में पीड़िता और उसके परिवार की पहचान के संदर्भों को हटा दे। उन्होंने आगे टिप्पणी की कि ट्रायल कोर्ट का फैसला बलात्कार पीड़ितों को कैसे व्यवहार करना चाहिए, इस बारे में एक मैनुअल की तरह लग रहा था।

लेखक - पपीहा घोषाल