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पटना उच्च न्यायालय ने पटना में बालिका शिक्षा संस्थान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह जानवरों के इस्तेमाल के लिए भी अनुपयुक्त है।

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Feature Image for the blog - पटना उच्च न्यायालय ने पटना में बालिका शिक्षा संस्थान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह जानवरों के इस्तेमाल के लिए भी अनुपयुक्त है।

25 मार्च 2021

9 मार्च 2021 को पटना उच्च न्यायालय ने पटना में कुछ सूचीबद्ध बालिका शिक्षण संस्थानों के शौचालयों की स्वच्छता की स्थिति के निरीक्षण और जांच के लिए तीन महिला अधिवक्ताओं की एक समिति गठित की थी।

24 मार्च को पटना उच्च न्यायालय में एक निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसमें शैक्षणिक संस्थानों के बुनियादी ढांचे और शौचालयों की वर्तमान स्थिति और परिचालन स्थितियों का विवरण दिया गया।

मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस. कुमार की दो सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष सरकारी स्कूलों के शौचालयों की वास्तविक स्थिति को दर्शाने वाली तस्वीरें पेश की गईं। न्यायालय ने कहा,

" स्थिति केवल यह दर्शाती है कि यह स्थान पशुओं के लिए भी उपयोग के लिए अनुपयुक्त है। प्रस्तुत रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि यहां बुनियादी ढांचे, शौचालयों की स्पष्ट कमी है और यह भी पता चलता है कि रखरखाव भी ठीक से नहीं किया जा रहा है। "

अदालत ने आगे कहा कि,

" अधिकांश शैक्षणिक संस्थानों में सैनिटरी वेंडिंग और डिस्पोजल मशीनें अभी तक स्थापित नहीं की गई हैं, जैसा कि रिकार्ड से स्पष्ट है।"

अदालत ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को तत्काल मामले की जांच करने तथा समिति की रिपोर्ट में उल्लिखित अन्य मुद्दों और कमियों से निपटने का निर्देश दिया।

लेखक: पपीहा घोषाल

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