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लुप्तप्राय पक्षी के अवैध व्यापार के लिए स्वप्रेरणा नोटिस

लुप्तप्राय पक्षी के अवैध व्यापार के लिए स्वप्रेरणा नोटिस
6 दिसंबर 2020
माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के आधार पर, विशेष रूप से सर्दियों के दौरान, लुप्तप्राय प्रजातियों के पक्षियों के अवैध व्यापार पर स्वतः संज्ञान लिया।
माननीय उच्च न्यायालय की खंडपीठ को बताया गया कि टिया, मोयना, चंदना और पहाड़ी मोयना जैसे लुप्तप्राय पक्षियों की तस्करी उत्तर बंगाल, झारखंड, बिहार से की जाती है और विशेष रूप से सर्दियों के दौरान कोलकाता और दिल्ली में इनका व्यापार किया जाता है।
देश में विदेशी पक्षियों की ऐसी प्रजातियों का व्यापार प्रतिबंधित नहीं है जो देश में स्वदेशी नहीं हैं। इसके विपरीत, भारतीय पक्षियों की बिक्री, खरीद या उन्हें कैद में रखना वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत अवैध है।
न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि वन एवं वन्यजीव संरक्षण से संबंधित कई अधिकारियों को कार्यवाही में प्रतिवादी बनाया जाए।
उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि प्रवासी पक्षियों को कोई क्षेत्रीय सीमा नहीं मालूम होती और वे मौसम के बदलाव के आधार पर बेहतर चरागाहों की ओर उड़ जाते हैं।
जलवायु, भोजन की उपलब्धता, तथा उनके अस्तित्व, प्रजनन आदि सहित विभिन्न अन्य कारण