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उड़ान के दौरान मास्क पहनने या कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने से इनकार करने वाले यात्रियों को नो-फ्लाई सूची में डाल दिया जाएगा: दिल्ली उच्च न्यायालय
मामला: दिल्ली उच्च न्यायालय बनाम नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए)
न्यायालय: मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति सचिन दत्ता
उपर्युक्त मामले में, दिल्ली उच्च न्यायालय न्यायमूर्ति सी हरि शंकर द्वारा दायर अपनी स्वत: संज्ञान याचिका में कोविड प्रोटोकॉल का पालन न करने और हवाई यात्रियों द्वारा मास्क पहनने से इनकार करने के संबंध में एक मामले की सुनवाई कर रहा था।
यह मामला तब शुरू हुआ जब न्यायमूर्ति हरि शंकर ने कोलकाता-नई दिल्ली उड़ान पर अपने साथी यात्रियों को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन न करते हुए और उड़ान के दौरान मास्क पहनने से इनकार करते हुए देखा। इसके बाद उन्होंने अपनी एकल पीठ के माध्यम से मास्क अनिवार्य करने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसमें प्रोटोकॉल का पालन न करने वाले यात्रियों को नो-फ्लाई सूची में रखना भी शामिल था।
इसके अनुपालन में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने डीजीसीए को सभी हवाई यात्रियों के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिया है, जिसमें एयरपोर्ट स्टाफ, पायलट और क्रू मेंबर्स को अधिकृत किया गया है कि वे उन सभी यात्रियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें जो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करके और मास्क पहनने से इनकार करके कोविड प्रोटोकॉल नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसे यात्रियों को एयरलाइन द्वारा नो-फ्लाई सूची में डाला जाएगा और गैर-अनुपालन के लिए जुर्माना लगाया जाएगा।